Taaza Savera

Taaza Savera

1958. American physicist J. Robert OPPENHEIMER.
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ओप्पेन्हेइमेर को लेके क्यों हो गया है इंडिया में तमाशे

ओप्पेन्हेइमेर को लेके क्यों हो गया है इंडिया में तमाशे

ओप्पेन्हेइमेर को लेके क्यों हो गया है इंडिया में तमाशे ओप्पेन्हेइमेर क्यों हुआ है इस मूवी को लेके इंडिया में तमाशे, जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर २२ अप्रैल १९०४ – १८ फ़रवरी १९६७ एक सैद्धान्तिक भौतिकविद् एवं अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक थे जो परमाणु बम के जनक के रूप में अधिक विख्यात हैं।

तो चलिए जानते है की इन्होने गीता भगवत को लेके ऐसा स्टेटमेंट क्यों दिया और इनको गीता भगवन के बारे में इतना कैसे पता था

थे फादर ऑफ़ ऑटोमिक बम रोबर्ट का जन्म नई यॉर्क के एक छोटे से घर पे हुआ था पचपन से ये सभी चीज़ो को लेके काफी काफी जिज्ञासु रहते थे इसे चक्कर में उनके लिए किताबे ही उनकी मनो दुनिया बन चुकी थी और काफी ज्ञान पाने के लिए वो दिन रात किताबो के बिच पड़े रहते थे इसकी एक और वजह भी है की इनके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे इसके बाद रोबर्ट ने १९२२ में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से इन्होने ३ साल में फलसफा फ्रेंच लिटरेचर इंग्लिश इंट्रोडक्टरी कैलकुलस केमिस्ट्री हिस्ट्री फिजिक्स जैसे कई डिग्री हासिल कर लिया इतना सब पढ़ने के बाद उन्हें लगा की कुछ अधूरा है इसके लिए उन्होंने जॉब ज्वाइन कर लिया जॉब करते करते उन्होंने ने उन्हें ज़िन्दगी का सबसे पड़ा अचीवमेंट मिला ओप्पेंशियमेर -फिलिप्स प्रोसेस इतने बड़े बड़े अचीवमेंट के बाद उनको ये सारे चीज़े बहोत ही आसान लगने लगी तो उन्होंने सोचा की अब साइंस के हटके कुछ और कोशिश की जाये तो उन्होंने ने देखा की सबसे ज्यादा विदे और डीप माइथोलॉजी हिन्दू माइथोलॉजी है इसी लिए उन्होंने हिन्दू टेक्स्ट को समझने के लिये उन्होंने संस्कृत भी सीखना तक सुरु कर दिया और उनके गुरु ने ओप्पेन्हेइमेर को गीता पढ़ने की सलाह दिया.

ओप्पेन्हेइमेर ने भगवत गीता का श्लोक कब बोला:

वे द्वितीय विश्वयुद्ध के समय परमाणु बम के निर्माण के लिये आरम्भ की गयी मैनहट्टन परियोजना के वैज्ञानिक निर्देशक थे। न्यू मैक्सिको में जब ट्रिनिटी टेस्ट हुआ और इनकी टीम ने पहला परमाणु परीक्षण किया तो उनके मुंह से भगवद गीता का एक श्लोक निकल पड़ा।

नुक्लेअर परीक्षाड कब हुआ और कहा

16 July 1945
सुबह के 5 से 6 बजे एक जोर दार धमाका होता है लेकिन ये कोई नार्मल धमाका नहीं है ये दुनिया में पहली बार नुक्लेअर बूम के टेक्स्ट धमाका था जिसको देख के सबके होस उड़ जाते है और बनाने वाले ओपेन्हेइमेर के तो आंखे फटी की फटी रह जाती हैं

नुक्लेअर बम को कोड नाम दिया जाता है ट्रिनिटी इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहे थे साइंटिस्ट

रोबर्ट ओप्पेन्हेइमेर इस बम को देख के ओपन हैमर हैरान रह जाते है क्यों की उनके अनुपान से भी कही बड़ा एक्सप्लोसिव हो जाता है और इस धमाके से इतनी गर्मी निकली की वह खड़े लोहे के टावर भी पिघल जाता है . और इसके धमाके का मसरूम क्लाउड करीब 12 से 15 km ऊपर तक गया

ये सब देखके ओप्पेन्हेइमेर इतने सोक हो जाते है तभी उनके मुँह से भगवत गीता का एक श्लोक निकल जाता है .

“Now I am become death, the destroyer of worlds”

दर असल ओप्पेन्हेइमेर के ऊपर एक मूवी बानी है को दुनिया भर में रिलीज़ कर दी गयी है उस मूवी में एक एडल्ट द्रिश्य में गीता का श्लोक बोलै गया है . इस द्रिश्य को लेके इंडिया में काफी बवाल मच चूका है और लोगो का डिमांड है की इस द्रिश्य को मूवी से हटाया जाये.

इस द्रिश्य को लेके जहा सोशल मीडिया पर जहा बहार जारी है वही “save culture, save india” के फाउंडर और इनफार्मेशन मिनिस्टर उदय माहुरकर ने सोशल मीडिया पर क्रिस्टोफर नोलन को सीधे एक संदेस लिखते हुए वे इस दृश्य पर अप्पति जताई है. आदिपुष को लोग अभी भूले नहीं है और omg 2 अभी परमिशन के लिए अटकी पड़ी है , इसी बिच क्या सेंसर बोर्ड को इस मूवी के द्रिश्य नहीं दिखा और क्या सेंसर बोर्ड दोहरा बाप दंड से ग्रस्त है . ऐसा क्यों है की जब कभी भी देखो हिंदू रिलीजन पे ही हमेशा वार किया जाता है किसी रिलीजन। पे फिल्म क्यू नही बनती है बनी भी है तो क्या हुआ इन मूवी का जो हमेशा ये फिल्म दुनिया के कोने कोने से बन हो जाती है.

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